ग़ज़ल
जल बुझा दिल मगर शरारे अभी बाकी हैं
संभल के छेड़ना अंगारे अभी बाकी हैं
जनूने इश्क के फसाद में ता-उम्र लुटे
इम्तिहाँ और भी हमारे अभी बाकी हैं
तमाशा जारीं है ऐ दोस्तो अभी ठहरो
मेरी रुसवाई के नज़ारे अभी बाकी हैं
कैसी ग़रक़ाब हुई जाती है दिल की कश्ती
उफ़नती मौजें, तेज़ धारे अभी बाकी हैं
ऐ हसीं ख़्वाब थोड़ी देर अभी रुक जाओ
फ़लक़ में देर है सितारे अभी बाकी हैं
फ़िज़ा में तुन्द हवाएं हैं रक्सां देख ज़रा
तूफ़ान आने के इशारे अभी बाकी हैं
शोला-ए-प्रेम को आतिश की ज़रूरत क्यों हो
सुलगते ज़ख्मो के सहारे अभी बाकी हैं.......प्रेम लता
रक्सां = तांडव नाचती फ़लक़ = सुबह तुन्द = उलटी ग़रक़ाब = डूबना
जल बुझा दिल मगर शरारे अभी बाकी हैं
संभल के छेड़ना अंगारे अभी बाकी हैं
जनूने इश्क के फसाद में ता-उम्र लुटे
इम्तिहाँ और भी हमारे अभी बाकी हैं
तमाशा जारीं है ऐ दोस्तो अभी ठहरो
मेरी रुसवाई के नज़ारे अभी बाकी हैं
कैसी ग़रक़ाब हुई जाती है दिल की कश्ती
उफ़नती मौजें, तेज़ धारे अभी बाकी हैं
ऐ हसीं ख़्वाब थोड़ी देर अभी रुक जाओ
फ़लक़ में देर है सितारे अभी बाकी हैं
फ़िज़ा में तुन्द हवाएं हैं रक्सां देख ज़रा
तूफ़ान आने के इशारे अभी बाकी हैं
शोला-ए-प्रेम को आतिश की ज़रूरत क्यों हो
सुलगते ज़ख्मो के सहारे अभी बाकी हैं.......प्रेम लता
रक्सां = तांडव नाचती फ़लक़ = सुबह तुन्द = उलटी ग़रक़ाब = डूबना